BHOPAL(उपन्यास), गैस त्रासदी
AAKASH SHUKLAभोपाल में
जहरीली गैस रिसन अब तक के इतिहास में सबसे भयानक रासायनिक दुर्घटना थी । इस दुर्घटना
में कम से कम
20,000 लोगों की तत्काल मृत्यु हुई थी और आज भी प्रतिदिन 2 व्यक्ति जहरीली गैस के प्रभाव से मर रहे हैं। 2-3 दिसंबर
1984 की दरम्यानी उस दुर्भाग्यपूर्ण रात को विषैली गैस -मिक (मिथाईल आइसोसायनेट) के रिसन
से सिर्फ मौतें ही नहीं हुई बल्कि हजारों मासूम और निर्दोष लोग अपनी सामान्य जिंदगी
जीने के नाकाबिल हो गये । दुर्घटना के संदर्भ में उस औद्योगिक इकाई का अतीत जान लेना
आवश्यक है जो इस त्रासदी का केंद्र बिंदु रहा है। और उन परिस्थितियों को समझ लेना भी
जरूरी है जो गैस पीड़ितों की दुर्दशा का कारण बनीं । यह उपन्यास सच्चाई की उन्हीं परतों को खोलता है, और हमारे दिलों को झकझोर देता है। लेखक की लेखनशैली हमें बाँध कर रखती है, परत-दर-परत। वाकई दिल को छू लेने वाला लेखन।